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Description
सामयिक मीडिया और प्रेस-विधि
भारतीय लोकतंत्र में मीडिया को विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बाद चौथे महत्त्वपूर्ण स्तम्भ के रूप में देखा जाता है।
मीडिया का कार्य विधायिका और कार्यपालिका के कार्यों पर नजर रखते हुए जनता को उनकी जानकारी प्रदान करना है। सत्ता द्वारा अपने भ्रष्टाचार और गलत कार्यों को उनकी ‘राष्ट्रहित में गोपनीयता के महत्त्व में’ बताकर छिपाए रखने की आशंकाएं बनी रहती है। ऐसे में मीडिया ही अपनी खोजी पत्रकारिता के द्वारा जनता के सामने उसके सच को लाता है। यहां जनता को यह विश्वास होना चाहिए कि मीडिया द्वारा की गई रिपोर्टिंग में कोई दुराग्रह नहीं है।
भारतीय प्रेस परिषद् ने समय-समय पर पत्रकारिता के लिए अनिवार्य न्यूनतम आदर्शों को रेखांकित किया है। किसी भी व्यक्ति या संस्था के विरोध में गम्भीर आरोपों वाली सामग्री तब तक जारी नहीं होनी चाहिए, जब तक कि उसकी समुचित जांच-पड़ताल न कर ली गई हो।
मीडिया विशेषज्ञ प्रथ्वीनाथ पाण्डेय की यह पुस्तक उभरते मीडियाकर्मियों को मीडिया तंत्र के संवैधानिक पक्ष, प्रेस कानूनों का इतिहास, अवधारणा, मीडिया लेखन के साथ ही प्रेस परिषद् की आचार संहिता एवं समस्त अधिनियमों, उपबन्धों आदि पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करती है।
यह पुस्तक सामान्य पाठक के साथ-साथ पत्रकारों, मीडिया स्कूलों, छात्रों और पुस्तकालयों के लिए गहन जानकारी और मार्गदर्शन से परिपूर्ण है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2020 |
Pulisher |
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