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Description
सम्बोधित
नामवर सिंह हिन्दी का चेहरा थे। उनमें हिन्दी समाज, साहित्य – परम्परा और सर्जना की संवेदना रूपायित होती थी। वे न सीमित अर्थों में साहित्यकार थे और न आलोचक। वे हिन्दी में मानवतावादी, लोकतान्त्रिक और समाजवादी विचारों की व्यापक स्वीकृति के लिए सतत संघर्षशील प्रगतिशील आन्दोलन के अग्रणी विचारक थे। वे देश में समतावादी समाज का सपना सँजोये रखने वाली सामाजिक शक्तियों के पक्ष में और सामन्तवादी – पुनरुत्थानवादी शक्तियों और पूँजीवादी – फ़ासीवादी शक्तियों से निरन्तर मुठभेड़ करने वाले वैचारिक योद्धा थे। बौद्धिक प्रतिभा की कौंध उनके लेखन में हर जगह व्याप्त हैं, परन्तु यह ध्यान में रखना आवश्यक है कि परिदृश्य में प्रभावी हस्तक्षेप करने वाली और हिन्दी आलोचना में क्लासिक का दर्जा प्राप्त कर चुकी अनेक महत्त्वपूर्ण किताबों के बावजूद वृहद् हिन्दी समाज में उनकी ख्याति प्रायः उनके व्याख्यानों के कारण रही है। सम्बोधित उनके व्याख्यानों का संग्रह है, जिसमें नामवर जी के विचारों की व्यापकता और गहराई को साथ-साथ देखा जा सकता है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher |
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