Sampurna Kahaniyan : Bhagwaticharan Verma

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Sampurna Kahaniyan : Bhagwaticharan Verma

Sampurna Kahaniyan : Bhagwaticharan Verma

995.00 745.00

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995.00 745.00

Author: Bhagwaticharan Verma

Availability: 5 in stock

Pages: 368

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126705979

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

सम्पूर्ण कहानियाँ : भगवतीचरण वर्मा

लब्धप्रतिष्ठ कथाकार भगवतीचरण वर्मा की कहानियों में हमारे जीवन के सुख-दुःख, प्रेम-घृणा, अहं, अंध-आस्था, राजनीति का छिछोरापन और धार्मिक उन्माद का जीवन्त चित्रण तो मिलता ही है, तरल संवेदनाओं की एक सतत प्रवहमान धारा भी दिखती है। कहानी का विषय चाहे कुछ भी हो, भगवतीचरण वर्मा की किस्सागोई का शिल्प ऐसा अनूठा है कि घटनाएँ, स्थितियाँ और पात्रों के हावभाव हमारे सामने साकार हो उठते हैं। ‘दो रातें’, ‘रेल में’, ‘इंस्टालमेंट’, ‘आवारे’ आदि दर्जनों कालजयी कहानियाँ अपने यथार्थबोध और सामाजिक चेतना के कारण आज भी प्रासंगिक हैं। यह उनके कथाकार की सफलता है कि अपनी तरफ से बिना कुछ कहे कहानियों के माध्यम से ही वे सब कुछ कह जाते हैं। इसीलिए विचारों की बोझिलता से ये कहानियाँ मुक्त हैं। व्यंग्य का पुट इन कहानियों की अतिरिक्त विशेषता है। ‘प्रायश्चित्त’ जहाँ अंध-धार्मिक आस्था पर चोट करती है, वहीं ‘खानदानी हरामजादे’ राजनीतिक छिछोरेपन को पूरी तरह उघाडक़र रख देती है। ‘पराजय और मृत्यु’ जीवन की पक्षधरता की कहानी है तो ‘शस्त्र और चिंगारी’ उत्तरदायित्व के बोझ तले पिसती एक युवती की दास्तान कहती है। ‘दो बाँके’ और ‘मोर्चाबन्दी’ छद्म अहं का जीवन्त चित्रण बन गई हैं।

उपन्यासों के लिए विशेष तौर पर जाने जानेवाले भगवती बाबू की कहानियों का यह समग्र संकलन उनके कथाकार का एक नया आयाम खोलता है।

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Hardbound

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Publishing Year

2020

Pulisher

Language

Hindi

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