Sangatrash
Sangatrash
₹225.00 ₹180.00
₹225.00 ₹180.00
Author: Neetu Mukul
Pages: 110
Year: 2024
Binding: Paperback
ISBN: 9789357758598
Language: Hindi
Publisher: Bhartiya Jnanpith
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Description
संगतराश
सुधी रचनाकार नीतू मुकुल एक साथ अनेक विधाओं में रचनारत हैं। लेखिका ने स्त्री विमर्श और स्त्री चेतना को महज़ सतही तौर पर नहीं लिया है। वह जीवन के सहज प्रवाह के बीच से उभरता है, जहाँ उनकी नायिकाएँ अपने ढंग से निर्णय लेने को आतुर हैं। अपनी राह ख़ुद बनाना चाहती हैं, अपने तरीक़े से जीना चाहती हैं, लेकिन उनके सामने कड़ी चुनौतियाँ भी हैं। मानवीय संवेदनाओं को लेकर नीतू मुकुल बेहद सजग हैं। उनकी कहानियों में भौतिकता की अन्धी दौड़ के बीच रिश्तों के दरकने का दर्द छलकता है। यह पीड़ादायी अनुभव तब और तीख़ा हो जाता है जब लेखिका देखती है कि इन्सान रोबोट बनते जा रहे हैं और रोबोट इंसान। इस दौर में रिश्ते जीना तो चाहते हैं पर निभाना नहीं। नयी पीढ़ी रिश्तों को इंजॉय तो करना चाहती है पर पैनिक नहीं। वह फ़िल्म के रोबोट की तरह नहीं बनना चाहती, जिसमें रोबोट की आँखों में आँसू आ गये हों। ऐसे में उनकी कहानियाँ अहसासों और रिश्तों की पुनर्स्थापना के लिए प्रवृत्त हैं। लेखिका की निगाह इस बात पर भी है कि रूढ़िवादी सोच से ग्रसित समाज में नारी के सामने अनेक चुनौतियाँ हैं। एक तरफ़ बन्द समाज में नारी के ज़ेहन में पलती सहज उड़ान, आकांक्षाएँ और सपने हैं। दूसरी ओर तमाम तरह के दबावों और अन्तद्वन्व्ह के बावजूद स्त्री अपने जीवन की राह ख़ुद तलाशना चाहती है।
—प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा
विभागाध्यक्ष, हिन्दी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन
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Binding | Paperback |
Language | Hindi |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2024 |
Pulisher |
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