Sanlap

-18%

Sanlap

Sanlap

275.00 225.00

In stock

275.00 225.00

Author: Aniruddh Umat

Availability: 5 in stock

Pages: 128

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9789395160995

Language: Hindi

Publisher: Setu Prakashan

Description

संलाप

अनिरुद्ध उमट की कविताएँ पढ़ते हुए मीर तक़ी मीर की इन पंक्तियों का स्मरण हो आता है-ले साँस भी आहिस्ता कि नाजुक है बहुत काम/आफ़ाक़ की इस कारगह-ए-शीशागरी का। सचमुच इस पत्थर की तरह अपारदर्शी, संवेदनहीन संसार में इतनी नजाकत भरी कविताएँ लिखना, खाण्डे की धार पर चलने जैसा ही है। कवि ने जिस कला पर चलने का नेम लिया है, उस पर वे एक पल भी डिगना नहीं चाहते। कह गया जो आता हूँ अभी (2005) और तस्वीरों से जा चुके चेहरे (2015) के बाद संलाप अनिरुद्ध जी का तीसरा काव्य-संग्रह है। 1 इसके अलावा उन्होंने कहानियाँ, उपन्यास, निबन्ध और राजस्थानी से हिन्दी अनुवाद भी किये हैं। अपने और कृष्ण बलदेव वैद के आत्मीय सम्बन्धों पर उनकी एक पुस्तक भी आयी है-वैदानुराग। पर इन सभी की आत्मा तो कविता ही है। हमारे समय में अगर यह कल्पना कर सकें कि मनुष्य नामक प्राणी की रचना काव्य-पदार्थ से होना सम्भव है तो अनिरुद्ध उमट जैसे कवि रचे जा सकते हैं; जैसे पिछले दौर में शमशेर थे।

Additional information

Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Sanlap”

You've just added this product to the cart: