Sannidhya Sahityakar

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Sannidhya Sahityakar

Sannidhya Sahityakar

200.00 150.00

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200.00 150.00

Author: Govind Mishra

Availability: 5 in stock

Pages: 118

Year: 2013

Binding: Hardbound

ISBN: 9789350725672

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

सान्निध्य साहित्यकार

उस ज़माने में जब लेखकों के आपसी सम्बन्ध उतने मधुर न रहे हों, पूर्ववर्ती साहित्यकारों की छवि को ध्वस्त करना स्वयं को स्थापित करने की अनिवार्यता सी बनी दीखती हो, प्रयोगधर्मिता और आधुनिकता का अर्थ अपनी परम्परा को रौंदना हो गया हो, परम्परा को पुरातनपन्थ का पर्याय माना जाता हो… तब गोविन्द मिश्र का यह संकलन आश्चर्य की बात है। वे अग्रजों के भाव से अपने पूर्ववर्ती साहित्यकारों का स्मरण करते हैं… लेकिन वहीं ठहरकर नहीं रह जाते। साहित्यकार कभी दिवंगत नहीं होते….इस विचार से वे अग्रजों के साथ-साथ अपने हमउम्रों को भी उठाते हैं। उन्हें भी, जो भले ही ऊँचे पायदान के लेखक न रहे हों पर आदमीयत के स्तर पर विलक्षण थे। यहाँ श्रद्धाधर्म के आलोक में आलोचनाकर्म भी है जिसमें इन साहित्यकारों अग्रजों के साहित्य का मर्म भी उजागर होता है।

और यह सब व्यक्तिगत सान्निध्य, सम्बन्ध की ऊष्मा से निसृत है जिससे उन साहित्यकारों का आकलन बेहद ईमानदार और प्रामाणिक बन गया है। हिन्दी साहित्य के महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षरों जैसे- जैनेन्द्र, अज्ञेय, नरेन्द्र शर्मा, धर्मवीर भारती, नरेश मेहता, शैलेश मटियानी, भीष्म साहनी, निर्मल वर्मा, श्रीलाल शुक्ल आदि के साथ गोविन्द मिश्र के व्यक्तिगत और मधुर सम्बन्ध रहे हैं; उनके आधार पर बनायी गयीं हमारे इन साहित्यकारों की तस्वीरें हिन्दी साहित्य की नयी पीढ़ी के लिए गोविन्द मिश्र की अनुपम भेंट कही जायेगी।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2013

Pulisher

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