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सपनों का धुआँ
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की आजादी के बाद लिखी गईं कविताओं का संग्रह है। इस संग्रह में दिनकर जी की उन कविताओं को संकलित किया गया है जिनमें समकालीन स्थितियों के प्रति उनकी भावनात्मक प्रतिक्रिया सशक्त रूप में प्रस्फुटित हुई है। इस पुस्तक में जहाँ एक तरफ स्वराज से फूटनेवाली आशा की धूप और उसेके विरुद्ध जन्मे हुए असन्तोष का धुआं कविताओं में प्रतिबिम्बित होता है वहीं, दूसरी और एक विदुषी को लिखा गया कवि का गीत-पुंज भी है जो कवि के गहन चिन्तन के दस्तावेज के रूप में हमारे सामने आता है। मन-मस्तिष्क को उद्वेलित करनेवाली ये कविताएँ सभी पाठकों के लिए उपादेय हैं।
Additional information
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Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2008 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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