Sapnon Ki Home Delivery

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Sapnon Ki Home Delivery

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295.00 225.00

In stock

295.00 225.00

Author: Mamta Kaliya

Availability: 5 in stock

Pages: 96

Year: 2021

Binding: Hardbound

ISBN: 9789352211012

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

सपनों की होम डिलीवरी

सपनों की होम डिलीवरी नए जमाने के करवट बदलते रिश्तों को केंद्र में रखकर लिखा गया उपन्यास है। रिश्ता चाहे पति-पत्नी का हो, माता-पिता और संतान का हो या प्रेमी-प्रेमिका का; ईमानदारी से देखें तो हर रिश्ता नए वक्त के साथ ताल बिठाने की कोशिश कर रहा है। दोष किसी का नहीं है, शायद हर युग अपने सामाजिक संजाल को ऐसे ही बदलता होगा।

वरिष्ठ हिंदी कथाकार ममता कालिया भी इस उपन्यास में दोषी किसी को नहीं ठहरातीं। न किसी पात्र का पक्ष लेती हैं, न किसी को आरोपों के कठघरे में खड़ा करती हैं। सिर्फ उनकी कहानी बयान करती हैं जो एक तरफ अपनी निजी पहचान को तो दूसरी तरफ रिश्तों की ऊष्मा को बचाने की जददोजहद में लगे हुए हैं। शायद यही वह मूल संघर्ष है जिसमें से आज हम सबको गुजरना पद रहा है। एक तरफ व्यस्क होती वैयक्तिकता है जिसे अपना निजी स्पेस चाहिए और दूसरी तरफ समाज के पुराने सांचे हैं जिनमे यह चीज अंट नहीं पाती। नतीजा भीतर-बाहर की टूट-फूट और यंत्रणा।

उपन्यास की नायिका रुचि एक असफल विवाह से निकलकर अपनी खुद की पहचान अर्जित करती है। दूसरी तरफ सर्वेश है। वह भी अपने पहले विवाह से बाहर आ चुका है। दोनों का अपना एक-एक बच्चा भी है। और संयोग कि रुचि का अपना बेटा पारिवारिक टूटन के कारण जिस खतरनाक रास्ते पर जा रहा है उसी रास्ते पर चलता हुआ सर्वेश का बेटा पहले ही जीवन से हाथ धो चुका है। यही बिंदु इन दोनों के निजी स्पेस को स्थायी रूप से जोड़कर एक नया, बड़ा स्पेस बनाता है। अत्यन्त पठनीय और सारगर्भित उपन्यास।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

Pulisher

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