Saur Mandal

-25%

Saur Mandal

Saur Mandal

150.00 112.00

Out of stock

150.00 112.00

Author: Gunakar Muley

Availability: Out of stock

Pages: 100

Year: 2018

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126706914

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

सौर मंडल

सूर्य ! हमारी आकाश–गंगा के करीब 150 अरब तारों में से एक सामान्य तारा !–––फिर भी कितना विराट, कितना तेजस्वी और कितना जीवनदायी !–––लेकिन किसी भी आकाश–गंगा में अकेला नहीं होता कोई तारा अथवा कोई सूर्य। एक परिवार होता है उसका–कई सदस्योंवाला एक परिवार, और इसे ही कहा जाता है सौर–मंडल। हमारे सूर्य का भी एक मंडल है, जिसके छोटे–बड़े सदस्यों की कुल संख्या है नौ। सदस्य, यानी कि ग्रह। इस प्रकार हमारे सौर–मंडल में नौ ग्रह शामिल हैं, अर्थात, बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेपच्यून और प्लूटो। सौर–मंडल में स्थित इन ग्रहों के अपने–अपने उपग्रह भी हैंय उपग्रह, जैसे चंद्रमा, जो कि हमारी पृथ्वी का उपग्रह है। कुछ ग्रहों के उपग्रहों की संख्या एकाधिक है, जैसे बृहस्पति 16 उपग्रहों का स्वामी है। सूर्य के परिवार में अभी तक करीब 60 उपग्रह खोजे जा चुके हैं।

संक्षेप में कहें तो अत्यंत विलक्षण है हमारा सौर–मंडल और रोचक है उसका यह अध्ययन। विज्ञान–विषयक लेखकों में अपनी शोधपूर्ण जानकारियों और सरल भाषा–शैली के लिए समादृत गुणाकर मुले की यह पुस्तक अत्यंत उपयोगी सामग्री सँजोए हुए है। पूरी पुस्तक को 15 अध्यायों में बाँटा गया है और परिशिष्ट में कुछ विशिष्ट पैमाने और ग्रहों के बारे में कुछ प्रमुख आँकड़े भी हैं। सूर्य, सौर–मंडल तथा ग्रह–संबंधी ज्योतिष–ज्ञान के अलावा लेखक ने हर ग्रह पर अलग–अलग अध्यायों की रचना की है। धूमकेतुओं और उल्कापिंडों पर अलग से विचार किया है। साथ ही सौर–मंडल के जन्म और ग्रहों पर संभावित जीवन के शोध–निष्कर्षों से भी पाठकों को परिचित कराया है। इस प्रकार अंतरिक्ष–यात्राओं के इस युग में यह पुस्तक प्रथम सोपान की तरह है, क्योंकि अंतरिक्ष–अनुसंधान और यात्राओं का लक्ष्य अभी तक तो प्रमुखतः अपना ही सौर–मंडल है।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Pages

Publishing Year

2018

Pulisher

Language

Hindi

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Saur Mandal”

You've just added this product to the cart: