Shaldungari Ka Ghayal Sapna

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Shaldungari Ka Ghayal Sapna

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299.00 229.00

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299.00 229.00

Author: Manoj Bhakt

Availability: 5 in stock

Pages: 256

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9788119028733

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

शालडुंगरी का घायल सपना

झारखंड में विकास की विडम्बना और राजनीति के विद्रूप का आईना है। लेखक ने इस क्षेत्र को बहुत क़रीब से देखा है—यह देखना किसी सैलानी की तरह देखना नहीं है बल्कि एक सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर इसमें सक्रिय साझेदार होना है। इसलिए वे बड़ी सहजता से एक ऐसी कहानी बुन पाए हैं जो बिलकुल शुरू से अपने पाठक को बाँधे रखती है—किसी चटपटी भाषा में नहीं बल्कि बहुत सजीव ढंग से एक ऐसे पाठ में जो बीच-बीच में कारुणिक भी हो उठता है। उपन्यास जहाँ शुरू होता है वहाँ एक मंत्री गाँव के दौरे पर हैं—उनके साथ अफ़सरों और पत्रकारों की टोली है, सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर चलने वाले तमाशे की तैयारी है और महत्त्वाकांक्षाओं के जाल में जकड़ा एक पूरा समाज है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, हमारे सामने एक स्तब्धकारी, अमानुषिक व्यवस्था के कई धागे खुलते जाते हैं। उपन्यास में आदिवासी-संघर्ष और उसके इर्द-गिर्द बनती गई राजनीतिक-सामाजिक छटपटाहट है, विराट शोषण को जवाब देने की तमाम कोशिशें हैं, हॉकी खेलती लड़कियाँ और उनके विकट संघर्ष हैं, एक पूरी सांस्कृतिक चेतना को कुचलने की त्रासदी भी है। मनोज भक्त बस इस त्रासदी की कथा नहीं कहते। वे इसके समानान्तर चल रहे प्रतिरोध को भी साथ दर्ज करते हैं। उपन्यास के अन्त में हॉकी स्टिक लिये मुख्यमंत्री की ओर दौड़ती लड़की के साथ हम भी दौड़ पड़ते हैं और उसे बचाने की कोशिश में हमारी आवाज़ भी शामिल हो जाती है।

मनोज भक्त के पास बहुत समृद्ध और चाक्षुष भाषा है। वे स्थितियों को बिलकुल सजीव कर देना जानते हैं। लेकिन यह भाषा की नहीं, उस वृत्तान्त की भी ताक़त है जिसे मनोज भक्त कई स्तरों पर इस उपन्यास में घटित होने देते हैं। हिन्दी के समकालीन संसार में एक जनजातीय राज्य के बहुफलकीय यथार्थ को इस महीनी से उकेरने वाली रचनाएँ कम हैं। निस्सन्देह यह कृति अपनी विशिष्ट जगह बनाने में सक्षम है।

—प्रियदर्शन

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

Pulisher

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