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Description
शरणम्
यह पुस्तक धरम का ग्रंथ नहीं है। ऐसा स्वंय लेखक का कहना है। यह गीता की टीका या भाष्य भी नहीं है। यह एक उपन्यास है, शुद्ध उपन्यास, जो गीता में चर्चित सिद्धांतों को उपन्यास के रूप में पाठक के सामने रखता है। यह उपन्यास लेखक के अन्दर उठने वाले प्रश्नों का नतीजा है। जिसमे सामाजिक मानदंड की एक सीमा तय की गयी है जो पाठक को आकर्षित करने में सक्षम है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2015 |
Pulisher |
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