Shiv Vivah

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Shiv Vivah

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Author: Sriramkinkar Ji Maharaj

Availability: 9 in stock

Pages: 208

Year: 2020

Binding: Paperback

ISBN: 0

Language: Hindi

Publisher: Ramayanam Trust

Description

शिव विवाह

श्रीरामचरितमानस के प्रारम्भ में, बालकाण्ड में, दो विवाहों का बड़ा ही अद्भुत चित्र प्रस्तुत किया गया है। पहले तो भगवान् शंकर और भगवती उमा का पाणिग्रहण और बाद में भगवान् श्रीराम और जनकनन्दिनी सीता का मंगलमय विवाह है। ये दोनों विवाह श्रीरामचरितमानस की विशिष्ट दार्शनिक धारणा का परिचय कराते हैं। पर इस समय भगवान् राम और जनकनन्दिनी जानकी के विवाह पर हम मुख्य रूप से विचार नहीं करेंगे यद्यपि तुलनात्मक रूप से दोनों ही चर्चाएँ आपके सामने आयेंगी। आज तो भूमिका के रूप में इस विवाह का तात्पर्य क्या है, इसी की ओर हम आपका ध्यान आकृष्ट करेंगे!

साधारण दृष्टि से पढ़ने पर भगवान् शंकर और पार्वती का विवाह व्यक्ति को बड़ा ही विचित्र सा तथा व्यंग्य और विनोद से भरपूर दिखायी देता है। उसको गहराई से न समझनेवालों ने तो कभी-कभी यहाँ तक पूछ दिया कि “क्या गोस्वामीजी इस विवाह के द्वारा भगवान् शंकर की हँसी उड़ाना चाहते थे?’ यह जो भ्रम होता है वह पूरे प्रसंग की गरिमा को न समझ पाने के कारण ही होता है। सचमुच ही भगवान् शंकर और पार्वती का जो विवाह है उसका वर्णन बड़ी अद्भुत रीति से किया गया है। वह विलक्षण संकेत-सूत्रों से परिपूर्ण है। आइये! पहले उस पर एक दृष्टि डालें।

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Authors

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Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2020

Pulisher

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