Shreshtha Hasya-Vyangya Ekanki

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Shreshtha Hasya-Vyangya Ekanki

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350.00 300.00

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Author: Giriraj Sharan, Kaka Hathrasi

Availability: 5 in stock

Pages: 180

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 9788173150999

Language: Hindi

Publisher: Prabhat Prakashan

Description

श्रेष्ठ हास्य व्यंग्य एकांकी

वस्तुतः व्यंग्य में यदि हास्य नहीं होगा तो वह कोतवाल का हंटर हो जायेगा। उसकी पोड़ा से तिलमिलाकर अभियुक्त कैसा अनुभव करेगा, उसे आप अच्छी तरह समझ सकते हैं। इस कार्य के लिए न्यायालय पहले से ही मौजूद है, फिर व्यंग्य की क्या जरूरत है। हास्य-मिश्रित व्यंग्य सीधा प्रहार करता है और आपको चोट भी नहीं लगती। लगती भी है तो वह चोट आपके हृदय-परिवर्तन में सहायक होती है। स्व. हृषीकेश चतुर्वेदी कहा करते थे कि ‘‘मजाक करना मजाक नहीं है, मजाक करो तो तमीज के साथ करो, वरना चुप रहो।’’
हास्य-व्यंग्य की रचनात्मक धारा से ये चार पुस्तकें आपके सामने हैं, जिनमें हास्य-व्यंग्य की श्रेष्ठ कविताओं, कहानियों, निबंध और एकांकियों को अलग-अलग संकलित किया गया है। इनके रचनाकारों ने रचनाएं भेजने में जो तत्परता दिखायी है इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। इस प्रकार हमारी उस यात्रा में एक ऐसा काम हो गया जिससे हजारों हास्य-व्यंग्य-प्रमियों को शिक्षात्मक मनोंरजन प्राप्त होगा और वे ‘हास्य-व्यंग्य : जीवन के अंग’ इस सूत्र को स्वीकार करेंगे।
—इसी पुस्तक से

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Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

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