Sipi Aur Shankha

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Sipi Aur Shankha

Sipi Aur Shankha

199.00 149.00

In stock

199.00 149.00

Author: Ramdhari Singh Dinkar

Availability: 5 in stock

Pages: 128

Year: 2019

Binding: Paperback

ISBN: 9789389243055

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

सीपी और शंख

‘सीपी और शंख’ रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा अंग्रेजी से अनूदित विश्व की श्रेष्ठ कविताओं का संग्रह है। बावजूद इसके ये दिनकर जी के व्यक्तित्व के रूपों को उद्घाटित करती उनकी अपनी मौलिक रचनाएँ भी प्रतीत होती हैं, क्योंकि उन्होंने भावों से प्रेरणा लेते हुए अपनी तरफ से ऐसे-ऐसे चित्रों की सृष्टि कर डाली है जो मूल में कहीं नहीं। इसलिए इन कविताओं में दिनकर जी के अपने चिन्तन और भाषा का परस्पर अन्योन्य सम्बन्ध भी परिलक्षित होते हैं। संग्रह में पुर्तगीजी, स्पेनिश, अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, अमरीकी, चीनी, पोलिश और भारतीय भाषाओं में मलयालम की अछूती भावभूमि और नवीन भंगिमाओं वाली कविताएँ शामिल हैं।

रूमानी, आत्मपीड़न के अतिरिक्त भक्तिभाव से पूर्ण इन कविताओं की मुख्य विशेषता रस-प्रवणता, लावण्ययुक्त बिम्ब और श्रम की प्रतिष्ठा है। इस संग्रह की कौन सी कविता किस कवि की कविता का प्रतिबिम्ब है, यह सूचित करने को पुस्तक के अन्त में एक सूची भी दी गई है ताकि सहज ही सृजन के विभिन्न आयामों से जुड़ा जा सके। निस्सन्देह, कविता में नवीन रुचि रखनेवाले पाठकों को दिनकर जी की यह कृति पसन्द ही नहीं आएगी, बल्कि अविस्मरणीय भी साबित होगी। मत छुओ इस झील को। कंकड़ी मारो नहीं, पत्तियाँ डारो नहीं, फूल मत बोरो। और कागज की तरी इसमें नहीं छोडो। खेल में तुमको पुलक-उन्मेष होता है, लहर बनने में सलिल को क्लेश होता है।

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Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

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