Sirf Yahi Thi Meri Ummeed

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Sirf Yahi Thi Meri Ummeed

Sirf Yahi Thi Meri Ummeed

695.00 520.00

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Author: Mangalesh Dabral

Availability: 4 in stock

Pages: 304

Year: 2021

Binding: Hardbound

ISBN: 9789355181237

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

सिर्फ़ यही थी मेरी उम्मीद

कविता और गद्य के अन्तर को मंगलेश ने कुछ ऐसे समझने की चेष्टा की है, “…शायद वह कोई संवेदना है, कोई मानवीय आवेग और सघनता और गहराई और विचलित करने वाली कोई वैचारिक भावना, जो किसी अभिव्यक्ति को कविता बना देती है। इसी वजह से कई बार बेहद नीरस-शुष्क गद्य भी बड़ी कविता में तब्दील हुआ है। एक कवि की उक्ति को कुछ बदल कर कहें तो भाषा के तमाम शब्द जैसे किसी बारिश में भीगते हुए खड़े रहते हैं और कुछ शब्द होते हैं जिन पर बिजली गिरती है और वे कविता बन जाते हैं। शायद बिजली से वंचित शब्द गद्य ही बने रहेंगे।” इसी रूपक को थोड़ा बढ़ायें तो कह सकते हैं कि मंगलेश का गद्य ‘शायद बिजली से वंचित’ नहीं, बल्कि बिजली गिरने के ठीक पड़ोस का गद्य है जिसमें असाधारण स्पन्दन और द्युति है।

– अशोक वाजपेयी

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

Pulisher

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