Sita Nahi Main

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Sita Nahi Main

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Author: Abha Bodhisatva

Availability: 5 in stock

Pages: 120

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 9789388684644

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

सीता नहीं मैं

हिन्दी में स्त्री कवियों की द्वितीय पीढ़ी में आभा बोधिसत्व का स्थान सर्वोपरि है। अपनी बिलकुल ताज़ा, मार्मिक एवं संश्लिष्ट कविताओं के लिए ख्यात आभा जी ने स्त्री कविता की प्रचलित रूढ़ियों और छवि को तोड़ते हुए नितान्त असूर्यमुपश्या जीवन वीथियों का सन्धान किया है और सर्वथा नवीन, अच्छिन्न अनुभवों को कविता की कक्षा में समादृत किया है। यहाँ जीवन का सम्पूर्ण वैभव विराजता है। प्रेम, संघर्ष, लोक जीवन के मोह और महानगर का सन्त्रास सब एक साथ सम्भव होते हैं। इसके पहले ऐसी विविधता विरल थी। आभा जी ने इस क्रम में न केवल अनाविल बिम्बों की सृष्टि की है बल्कि भावानुकूल लय और स्वर लहरियों का भी अन्वेषण किया है। गहरे इतिहास बोध ने उनके अनुभवों को अभूतपूर्व परिपक्वता दी है जो कई बार वरिष्ठ कवियों के लिए भी स्पृहणीय है।

महत्त्वपूर्ण यह है कि उन्होंने कहीं भी स्त्री बोध को न तो छोड़ा है न वहाँ अतिरिक्त बलाघात डाला है। ऐसी सहजता और सरलता दुर्लभ है। आभा जी की कविताओं में घर-परिवार, बच्चे, पड़ोस तो है ही, यहाँ गहरी राजनीतिक चेतना और भारतीयता के उत्तमांश का रासायनिक विलयन है जो सम्पूर्ण भारतीय काव्य परम्परा में विरल और अप्रत्याशित है।

आभा बोधिसत्व का यह पहला संग्रह सम्पूर्ण हिन्दी काव्य मानचित्र में एक नया क्षेत्र-रंग जोड़ेगा। जैसा कि सभी सहृदय पाठक स्वयं तस्दीक करेंगे, इस कविता पुस्तक को पटने का अर्थ है भारतीय कविता के कछ सर्वथा नवीन वारों को जानने-पहचानने का सौभाग्य। और यह भी कि अब स्त्री कविता वहाँ आ पहुँची है जहाँ कोई भी विशेषण अपर्याप्त सिद्ध होता है। अब यह कविता केवल कविता आभा बोधिसत्व इस पहले ही कविता संग्रह के साथ द्वन्दी कवियों की अग्रिम पंक्ति में अपना अधिकृत स्थान ग्रहण करेंगी। ऐसी आशा और विश्वास है।

– अरुण कमल

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Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

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