Straik Aur Any Ekanki

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Straik Aur Any Ekanki

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395.00 295.00

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395.00 295.00

Author: Bhuvaneshwar

Availability: 5 in stock

Pages: 112

Year: 2024

Binding: Hardbound

ISBN: 9789357756884

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

स्ट्राइक और अन्य एकांकी

भुवनेश्वर (1957-1910) हिन्दी के प्रसिद्ध एकांकीकार, लेखक एवं कवि थे। उन्होंने मध्य वर्ग की विडम्बनाओं को कटुसत्य के रूप में उकेरा। उन्हें ‘आधुनिक एकांकियों के जनक’ होने का गौरव भी प्राप्त है। भुवनेश्वर का पूरा नाम ‘भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव’ है। उनका जन्म शाहजहाँपुर के एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके जन्म के कुछ ही वर्षों बाद उनकी माँ का देहान्त हो गया, इस कारण उनको घर में घोर उपेक्षा झेलनी पड़ी। कम उम्र में घर छोड़कर जब इलाहाबाद आये तब शाहजहाँपुर में महज इंटरमीडिएट तक पढ़े भुवनेश्वर के अंग्रेजी-ज्ञान और बौद्धिकता से वहाँ के लेखक और सहपाठी चकित हो गये। आदर्श और यथार्थवाद के उस दौर में इनकी रचनाओं ने दोनों के सीमान्तों को इस प्रकार उद्घाटित किया कि उनके बारे में तरह-तरह की किंवदन्तियाँ फैलने लगीं।

‘भुवनेश्वर’ साहित्य-जगत का ऐसा नाम है, जिसने अपने छोटे-से जीवनकाल में लीक से अलग साहित्य-सृजन किया। एकांकी, कहानी, कविता, समीक्षा जैसी कई विधाओं में भुवनेश्वर ने साहित्य को नये तेवर वाली रचनाएँ दीं। उन्होंने अपनी रचनाओं से आधुनिक संवेदनाओं की नयी परिपाटी विकसित की। प्रेमचन्द जैसे साहित्यकार ने उनको भविष्य का रचनाकार बताया था। इसकी एक खास वजह यह थी कि भुवनेश्वर अपने रचनाकाल से बहुत आगे की सोच के रचनाकार थे। उनकी रचनाओं में कलातीत-बोध है, परन्तु आश्चर्यजनक रूप से यह भूतकाल से न जुड़कर, भविष्य के साथ ज्यादा प्रासंगिक नजर आती है। ‘कारवाँ’ की भूमिका में स्वयं भुवनेश्वर ने लिखा है कि “विवेक और तर्क तीसरी श्रेणी के कलाकारों के चोर दरवाजे हैं।” उनका यह मानना उनकी रचनाओं में स्पष्टतया द्रष्टिगोचर भी होता है।

– पुस्तक से

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Hardbound

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Language

Hindi

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Publishing Year

2024

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