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Description
स्त्री विमर्श का लोकपक्ष
महिलाओं के अधिकार पर संघर्षशील लेखिका, कवयित्री अनामिका ने स्त्री-विमर्श पर हिन्दी भाषा में पहली शोधपूर्ण पुस्तक ‘स्त्री-विमर्श का लोकपक्ष’ प्रस्तुत की है। पुस्तक हर वर्ग, नस्ल, आयु या जाति की स्त्री के सामाजिक, व्यक्तिगत व राजनीतिक त्रिकोण पर प्रकाश डालती है।
पुस्तक स्त्री-विमर्श पर वर्तमान काल में उपलब्ध साहित्य से इसलिए अलग है क्योंकि न तो यह पूर्ण रूप से पाश्चात्य परम्परा के बौद्धिक विमर्शों पर केन्द्रित है और न ही समाज में स्त्री की दुर्दशा का ब्योरा भर देती है। बल्कि यह इन दोनों तरह के स्त्री-वैमर्शिक साहित्य को जोड़ती है, यानी इसमें स्त्री-विमर्श की वर्तमान परिस्थितियों पर बोद्धिक रूप से तर्कपूर्ण चर्चा है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Pulisher | |
Publishing Year | 2023 |
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