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Description
सुबह का भूला
सुबह का भूला एक बेहद दिलचस्प और रोचक उपन्यास है, जिसमें पिता की डांट-फटकार से क्षुब्ध होकर घर से भागने के बाद जीवन की कठिनाइयों और पीड़ाओं से पाठकों को हृदयस्पर्शी ढंग से रूबरू कराया गया है। हँसती-खेलती जिंदगी किस तरह ट्रेजेडी में बदलती है और संघर्ष से किस प्रकार सीख मिलती है… यही इस उपन्यास की कथावस्तु है, जिसमे एक युवक के चंचल मन और संघर्षशील जीवन को समझने का बेहद सफल प्रयास किया गया है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
Reviews
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