Subha A Vatan

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Subha A Vatan

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Author: Brijnarayan 'Chak Bast'

Availability: 5 in stock

Pages: 148

Year: 2010

Binding: Paperback

ISBN: 9789387155220

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

सुबह ए वतन

पं. ब्रज नारायण चकबस्त को हम से बिछुड़े हुए अर्ध शताब्दी से भी अधिक अर्सा बीत चुका है। उर्दू की शायरी की दुनिया में हज़ारों हज़ार पाठकों के दिलों को अपने कलाम से राष्ट्रीय चेतना से भर देने वाले शायर पं. ब्रज नारायण चकबस्त को भला कौन नहीं जानता, लेकिन यह भी एक काल सत्य है कि उर्दू अदब में चकबस्त जैसे शायर की नोटिस जिस तरह से ली जानी चाहिए थी, नहीं ली गई जबकि अपने ज़माने के अलावा ‘चकबस्त’ दूसरे ज़मानों में भी अपने कलाम की रौशन फिक्र के साथ दाखिल होते हैं।\

हम ख़ुद को ख़ुशकिस्मत इसलिए समझते हैं कि हमने तहज़ीब के दरख्तों के तवील सायों को अपनी शायरी की शक्ल में छोड़ जाने वाले इस महान शायर को टटोला है, जिसके न रहने का ग़म उसकी राष्ट्रीयता की भावना से कूट-कूटकर भरी कविताओं को पढ़कर हमें तेज धूप की तरह काटता है।

सच पूछा जाए तो पं. ब्रज नारायण ‘चकबस्त’ किसी भी प्रकार से इकबाल से कम बड़े शायर नहीं थे। यह अलग बात है कि ज़िंदगी उनके लिए छोटी पड़ गई थी।

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Language

Hindi

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Publishing Year

2010

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