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Description
सुनहरे परदे की परियाँ
यह प्रस्तुति इस क्षेत्र के एक ऐसे भाग के बारे में है जो अभी तक अछूता सा ही रहा है। फ़िल्म क्षेत्र की नायिकाओं के बारे में बहुत कम जानकारी पढ़ने को मिलती है, विशेष रूप से तीस और चालीस के दशकों की अदाकाराओं से सम्बन्धित। स्नेह प्रभा प्रधान, मुनव्वर सुल्ताना, मिस बिब्बो, आशा पोसले, मुख्तार बेगम या ऐसी अन्य अभिनेत्रियों के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है।
इस पुस्तक में सिनेमा से संबन्धित ललित कलाओं के सभी वर्णीय कलाकारों की जानकारियाँ दे पाना संभव नहीं था अतः इस में केवल उन्हीं कलाकारों को शामिल किया गया है जिनका संबंध सिनेमा के स्वर्ण काल से था, जिनकी जानकारियाँ उपलब्ध हैं और जोकि अपनी कला में विशेष निपुणता प्राप्त किए हुए थे। शेष को अगली पुस्तक के लिए छोड़ दिया गया है। उदाहरण के तौर पर एक क़ाबिले ज़िक्र विलेन उमा दत्त हुआ करते थे जिन्होंने सैकड़ों चलचित्रों में अभिनय किया होगा मगर किसी भी फिल्म पुस्तिका या पत्रिका में उनका नाम देखने को नहीं मिलता। ऐसों के बारे में क्या लिखा जा सकता है ? आशा है कि मेरी यह पुस्तक इस कमी को पूरा कर सकेगी।
– भूमिका से
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2024 |
Pulisher |
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