Suraj Gagrai

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Author: Mahashweta Devi

Availability: Out of stock

Pages: 136

Year: 2012

Binding: Hardbound

ISBN: 9789350009727

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

सूरज गगराइ

सूरज गगराइ जब निरा छोटा था, तभी से वह सुनता आ रहा है कि इस चेरो नदी के सीने पर बाँध बनेगा। उसमें इतना पानी होगा कि दरिया की तरह असीम होगा। इस पार खड़े हो, तो उस पार का छोर नज़र नहीं आएगा। ये तमाम बातें बूढ़े-बुजुर्ग कहा करते थे। यह बताना बेहतर है कि सूरज ने कभी भी इन बातों पर भरोसा नहीं किया। भरोसा क्यों करे, यह तुम लोग ही बताओ। सूरज कोलहान-सन्तान था। कोलहानों के पास जंगल है, खदान है, कितना कुछ है। चेरो बाँध प्रकल्प दुबारा चालू हो रहा है, लेकिन यह कहानी लिखने तक, सदर प्रशासन बेहद चिन्तित है, क्योंकि जिस किसी भी पेड़ के तने पर जिस किसी चट्टान पर सूरज गगराइ का नाम लगातार लिखा जा रहा है, मिटाया जा रहा है…फिर लिखा जा रहा है, फिर मिटाया जा रहा है।

कोलहान में ही ऐसी अनहोनी घटना हो सकती है। सच तो यह है कि सूरज गगराइ, मौत के बाद, प्रशासन को और ज्यादा सता रहा है। बिरसा सेतु पर बेहद उद्धत तरीके से लिखा हुआ है – ‘सूरज गगराइ के अवशेष में काँच और धातु के चूरे क्यों मिले हैं, डी. एस. पी. जवाब दो।’

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2012

Pulisher

1 review for Suraj Gagrai

  1. 5 out of 5

    Suraj Gagrai

    Hi. I want to know the topic of this book. What is this book about? I haven’t read it yet. But I want to read it. It’s just we have the same name that’s why I m curious about it?


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