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Description
स्वामी विवेकानन्द
स्वामी विवेकानन्द की वाणी के इस संग्रह में सबसे पहले शिकागो की विश्व-धर्म-सभा में उनके दिये गये व्याख्यान हैं। स्वामी जी और उनके शब्दों में छिपी किसी अव्यक्त वस्तु ने ही उन श्रोताओं को अनुप्राणित कर दिया था कि इस वाणी में खोखली भावुकता की बजाय वास्तविक सत्य की अभिव्यक्ति हुई थी और उसने सबके हृदय में एक विस्मृत आत्मिक एकता का बोध जागृत कर दिया था।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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