Swapna Aur Yatharth : Azadi Ki Aadhi Sadi

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Swapna Aur Yatharth : Azadi Ki Aadhi Sadi

Swapna Aur Yatharth : Azadi Ki Aadhi Sadi

250.00 210.00

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250.00 210.00

Author: Puran Chandra Joshi

Availability: 10 in stock

Pages: 179

Year: 2011

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126700011

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

स्वप्न और यथार्थ : आजादी की आधी सदी

पूरन चन्द्र जोशी की नवीनतम कृति स्वप्न और यथार्थ : आजादी की आधी सदी उनके हाल के लिखे सारगर्भित आठ निबन्धों और दो संवादों का एक विचारोत्तेजक भूमिका के साथ तैयार किया गया अत्यन्त महत्त्वपूर्ण संग्रह है। भारतीय इतिहास के इस निर्णायक कालखंड का समाज–विज्ञान की बहुआयामी और बहुमुखी-ऐतिहासिक, तुलनात्मक और मानकीय-दृष्टियों से अवलोकन, विवेचन और मूल्यांकन ही इन निबन्धों की विशेषता है। वैचारिकता और संवेदना के मेल में ही इन निबन्धों की ताजगी और जीवन्तता है।

यह संग्रह अर्थ, समाज, राजनीति, संस्कृति और इतिहास के विद्वानों के लिए इस महत्त्वपूर्ण कालखंड पर नई दृष्टि, व्याख्याएँ और नए निष्कर्ष प्रस्तुत तो करता ही है; संभावनाओं और अवरोधों, उपलब्धियों और अपूर्णताओं के द्वंद्व की इस आधी सदी की विस्तार और गहराई में खोज के नए क्षितिज के उजागर के साथ यह देश की, विशेषकर हिन्दी प्रदेश की, वर्तमान दुविधाग्रस्त स्थिति और दिशाहीन भविष्य से चिन्तित विचारशील नागरिक समुदाय को भी नई सोच, नई चेतना और नई दिशा के संघर्ष में भागीदार बनाता है।

उपनिवेशवाद से स्वायत्त राष्ट्रवाद में संक्रमण की यह आधी सदी क्यों विशाल जन–साधारण के लिए स्वप्न–भंग बनती गई है और उसे ‘चरैवेति चरैवेति’ की चुनौती में बदलने की वैचारिक दिशा और रणनीति क्या होगी, इस खोज में ही इस संकलन की सार्थकता है।

संक्रमण के इस दौर में प्रभुत्व के आकांक्षी नव मध्यम वर्ग और सच्चे ‘स्वराज’ से वंचित जन–साधारण के बीच अलगाव और टकराव जहाँ इस त्रासदी के मुख्य कारण हैं वहाँ प्रबुद्ध बुद्धिजीवी समुदाय और सचेत जनसाधारण के बीच संवाद द्वारा ही इस त्रासदी से मुक्ति संभव है। जोशी जी के मत में यही नवजागरण और स्वाधीनता संघर्ष की असली विरासत है और आज के दौर का आग्रह भी। इस दृष्टि से स्वप्न और यथार्थ एक शोध–ग्रंथ ही नहीं, जन–मुक्ति का घोषणा–पत्र भी है।

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Binding

Hardbound

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Publishing Year

2011

Pulisher

Language

Hindi

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