Taar Saptak

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Author: Sachchidananda Hirananda Vatsyayan Ajneya

Availability: 10 in stock

Pages: 252

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9788119014170

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

तार सप्तक

कम ही होती हैं काव्य-कृतियाँ जो स्वयं इतिहास का एक अंग बन जाएँ और आगे के लिए दिशा-दृष्टि दे सकें—बिना अत्युक्तिभय के ‘तार सप्तक’ के लिए कहा जा सकता है। इसके जो सात कवि 1943 के प्रयोगी थे वे आज के सन्दर्भ में हैं और उनका यह काव्य-संकलन आधुनिक हिन्दी काव्य के इतिहास में एक मील का पत्थर है, एक आलोकशिखा।… ‘तार सप्तक’ एक ऐतिहासिक दस्तावेज तो है ही, परवर्ती काव्य-प्रगति को समझने के लिए भी यह अनिवार्य है। लगभग सत्तर वर्ष पूर्व कवि अपने को अपने समय से किस ढंग से कैसे बाँध रहा था और वह सम्बन्ध किस प्रकार विभिन्न रूप भंगिमाएँ ग्रहण करता कहाँ पहुँचा है, इसके यथार्थ बोध की यह कृति इकाई भी है, दहाई भी।

कहना असंगत न होगा कि समकालीन काव्य-इतिहास में ‘तार सप्तक’ ने जो स्थान पाया और जिस अर्थ और भाव में उसका प्रभाव परवर्ती काव्य-विकास में व्याप्त है, उसके व्यक्त-अव्यक्त इतिहास को प्रस्तुत प्रकाशन रेखांकित करता है। प्रत्येक संग्रहालय के लिए आवाश्यक, प्रत्येक समकालीन हिन्दी काव्य के अध्येता एवं जिज्ञासु के लिए अनिवार्य ‘तार सप्तक’ का प्रस्तुत है यह नवीन संस्करण।

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Publishing Year

2023

Pulisher

Language

Hindi

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