Tani Kathayein
Tani Kathayein
₹299.00 ₹225.00
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Author: Joram Yalam Nabam
Pages: 228
Year: 2022
Binding: Paperback
ISBN: 9789391950958
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Description
तानी कथाएँ
किसी समाज में प्रचलित लोककथाएँ उसकी सभ्यता-संस्कृति की जड़ों तक पहुँचने का सूत्र होती हैं। अतीत में प्रत्येक पीढ़ी अपनी पूर्ववर्ती पीढ़ी से सुनकर और परवर्ती पीढ़ी को सुनाकर समाज के अनुभव और ज्ञान की इस संचित निधि को सुरक्षित रखती आई। लेकिन आधुनिक तौर तरीकों के प्रसार के साथ-साथ आम जनजीवन जैसे-जैसे बदलता गया वैसे-वैसे सदियों पुरानी यह परम्परा कमजोर पड़ती गई। ऐसे में लोककथाओं को वाचिक के भरोसे छोड़ देने के बजाय लिखित रूप में संग्रहीत-प्रकाशित करना आवश्यक हो गया। इस संदर्भ में युवा लेखक जोराम यालाम नाबाम की किताब ‘तानी कथाएँ : अरुणाचल के तानी आदिवासी समाज की विश्वदृष्टि’ एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
जोराम ने न केवल अरुणाचल प्रदेश के तानी समाज की लोककथाओं को इकट्ठा किया है बल्कि उनको आधार बनाकर इस आदिवासी समाज के विश्वासों, परम्पराओं, आचार-विचार, खान-पान आदि पक्षों का युक्तिसंगत विश्लेषण कर तानी समाज के जीवन-दर्शन को प्रस्तुत किया है। जोराम बतलाती हैं कि प्रकृति के समस्त चराचर के साथ अभिन्नता का भाव तानियों की विश्वदृष्टि की विशेषता है जो उनके दैनंदिन जीवन में सहज दिखाई देती है। जिसे अधिकतर गैर आदिवासी समाजों में देख पाना मुश्किल है। इन कथाओं से तानी समाज के धार्मिक विश्वासों का संकेत भी मिलता है जिनमें प्रकृति को प्रमुखता दी गयी है। धर्म को सांगठनिक या सांस्थानिक स्वरूप देने से परहेज किया गया है। पूरी प्रकृति पूजनीय है इसलिए अलग से किसी के लिए मंदिर निर्माण या पूजा आदि का विधान नहीं बनाया गया। तानी समाज की ये बातें न सिर्फ जानने योग्य हैं बल्कि मानव सभ्यता के संकटग्रस्त वर्तमान के संदर्भ में एक विश्वसनीय विकल्प का आधार तैयार करने वाली हैं।
एक अत्यंत पठनीय और विचारणीय किताब!
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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