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Description
तीन हजार टाँके
इस संग्रह की प्रत्येक सत्य कथा में मानव-प्रकृति के सुंदर एवं वीभत्स, दोनों रूपों को अनावृत्त किया गया है। ये कथाएँ सम्मानपूर्वक जिए गए जीवन को प्रतिबिंबित करती हैं। कई बार ये दिल को छू लेनेवाले किसी साधारण साहसिक कार्य का वर्णन करती हैं। अनेक कहानियों में सुधा मूर्ति इन्फोसिस फाउंडेशन के विशिष्ट कार्यों के साथ-साथ अपनी युवावस्था व पारिवारिक जीवन तथा यात्राओं में अनुभूत संस्मरणों का वर्णन बड़ी स्पष्टवादिता एवं गर्मजोशी के साथ करती हैं। वे देवदासी समुदाय में किए गए सार्थक कार्यों के प्रभाव की खुलकर चर्चा करती हैं। एक इंजीनियरिंग कॉलेज की इकलौती महिला विद्यार्थी के रूप में झेली गई चुनौतियों एवं कष्टों का उल्लेख तथा अपने पिता की दयालुता के अप्रत्याशित एवं प्रेरक परिणामों का वे अत्यंत मार्मिक बखान करती हैं। भारतीय सिनेमा के विषय में अनेक रोचक खोज तथा भारतीय सब्जियों के मूल से लेकर गोचरता के आधार पर किसी के सामर्थ्य के मूल्यांकन की ओछी सोच, छोटे या बड़े दैनिक संघर्ष एवं विजय तक के वृत्तांत को इनमें समाहित किया गया है।
संवेदना, स्नेह, अपनत्व, समभाव तथा जीवन-मूल्यों को उकेरती ये कथाएँ न केवल रोचक हैं, अपितु मानवता का बोध करानेवाली पठनीयता से भरपूर संवेदनशील कथावस्तु है।
—इसी पुस्तक से
अनुक्रम
★ लेखकीय
★ तीन हजार टाँके
★ लड़कों को कैसे परास्त करें
★ विचार हेतु भोजन
★ त्रयांजलि नीर
★ कैटल क्लास
★ एक अलिखित जीवन
★ घर जैसी कोई जगह नहीं
★ एक शक्तिशाली राजदूत
★ रासलीला एवं स्वीमिंग पूल
★ इन्फोसिस फाउंडेशन में एक दिन
★ मैं नहीं, हम कर सकते हैं
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Publishing Year | 2020 |
Pulisher | |
Pages |
Reviews
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