Tejasvini : Akka Mahadevi Ke Vachan

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Tejasvini : Akka Mahadevi Ke Vachan

Tejasvini : Akka Mahadevi Ke Vachan

250.00 188.00

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250.00 188.00

Author: Gagan Gill

Availability: 5 in stock

Pages: 176

Year: 2024

Binding: Paperback

ISBN: 9788119028634

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

तेजस्विनी : अक्का महादेवी के वचन

बारहवीं सदी के तीसरे दशक में, सन् 1130 के आसपास कभी उनका जन्म हुआ था, दक्षिण भारत, कर्नाटक के शिवमोगा जिले के एक गाँव उदूतड़ी में। शिव-भक्त माता-पिता के घर में।

परम्परा कहती है, वह अनन्य सुन्दरी थीं।

मनुष्य सुन्दरता सहन करने के लिए नहीं बने। सुन्दरता उनमें सदा से हिंसा जगाती आई है। तिस पर एक स्त्री की सुन्दरता, भक्त मन वाला उसका आलोक, उसकी आभा, उसकी तन्मयता!

सुन्दरी महादेवी को कभी न कभी वेध्य होना ही था।

लेकिन उन्हें किसी दूसरे ने नहीं वेधा। यह उपक्रम उन्होंने स्वयं ही किया।

कब महादेवी पहले-पहल स्त्री देह के वस्त्र से मुक्त हुईं, फिर काया के भीतर के मल-मूत्र से, कब वह मात्र आलोक खोजता केवल एक भक्त-मन रह गईं—उनकी जीवन-यात्रा सहज ही हमें सदियों से रोमांचित करती आ रही है, लगभग विमूढ़ और अवाक् करती।

ये जो उन अक्का महादेवी के वचन हमें आज व्याकुल कर देते हैं, ये उनके बोल, जो उन्होंने कभी लिखे नहीं थे, सुधारे या काटे-छाँटे नहीं थे। न ये कविताएँ थीं, न छंद। एक भक्त स्त्री के दिल की अग्नि ने इन्हें तपाया था, इन स्ववचनों को, एकालापों को।

यह उनके वचनों का हिन्दी रूपांतरण है।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

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