Teri Ankhon Mein Raat Doobi Hai

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Teri Ankhon Mein Raat Doobi Hai

Teri Ankhon Mein Raat Doobi Hai

160.00 135.00

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Author: Osho Nilanchal

Availability: 4 in stock

Pages: 136

Year: 2021

Binding: Paperback

ISBN: 9788180310119

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

तेरी आँखों में रात डूबी है

आम इंसान की नज़र संसार को देखती है तो उस घटनाओं, व्यक्तियों के प्रति नफ़रत, दुख, क्रोध जैसे विभिन्न भाव पैदा होते हैं मगर जब ये नज़र प्रेम की नज़र बन जाती है तो उसमें संसार की हर वस्तु के प्रति शुकराने का भाव पैदा होता है। और हर पदार्थ के पीछे उसी ऊर्जा, अनवारे-इलाही आदि शक्ति नज़र आने लगती है। फिर तो महबूब में, मुर्शिद में, दोस्त में, दुश्मन में जन्म में, मृत्यु में, उसी अनवारे-इलाही का जलवा नज़र आने लगता है।

यही बात है कि मजन का प्यार किसी संत की इबादत से कम नहीं। “तेरी आँखों में रात डूबी है” की ये ग़जलें जहाँ आफिस में काम करने वाली प्रेमिका, संसार से उकताये हुए आदमी, बेटी के प्रति प्रेम में डूबे पिता, विश्व समाज के बदलते हुए परिवेश की मंज़रकशी करती हैं, वहीं इन ग़ज़लों में भाषा की सादगी के साथ जुबान की दिलकश पेशगोई है। ये ग़ज़लें और नज्में एक प्रेमी, एक कामगार, एक साधक की भावनाओं का आईना है साथ ही शरीर और मन के पार रुहानी संसार की तरफ़ भी इशारे करती हैं सूफ़ियाना नज़र देती हैं।

निश्चित रूप से इन नज्मों में ऐसा बहुत कुछ है जहाँ से हर इंसान को कभी न कभी गुज़रना है, ठहरना है। सुर्ख खंजर लिये पीछे है हुजूमे-कातिल शहरे-जाना से मगर होते भी रुखसत न बनें क्योंकि ये शहरे-जाना है, परमात्मा का नगर है ये जगत। हमें इसमें जीना है और आनन्दपूर्ण जीना है। ये ग़जलें सुख-दुख के दो किनारों से आगे नये जश्न के सफ़र की तरफ़ ले जा रहीं हैं और उत्सव में जीने का मंगल सन्देश हैं।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

Pulisher

1 review for Teri Ankhon Mein Raat Doobi Hai

  1. 5 out of 5

    Ram

    बहुत ही लाजवाब पुस्तक


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