Teri Kurmai Ho Gai ?
Teri Kurmai Ho Gai ?
₹110.00 ₹95.00
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Author: Sunil Vikram Singh
Pages: 120
Year: 2017
Binding: Paperback
ISBN: 9789386863195
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Description
तेरी कुड़माई हो गई
‘तेरी कुड़माई हो गई ?’ एक मार्मिक प्रेम कहानी है जो स्त्री-विमर्श की दृष्टि से भी उत्कृष्ट है। गुलेरी जी की बहुचर्चित कहानी ‘उसने कहा था’ के एक प्रसिद्ध वाक्य ‘तेरी कुड़माई हो गई?’ को कहानी शीर्षक दिया गया है। इस कहानी की विशेषता यह है कि गुलेरी जी की कहानी जहाँ पर समाप्त होती है, उसके आगे यह कहानी शुरू होती है। इस कहानी की एक विशेषता यह है कि इस कहानी के नाम ‘उसने कहा था’ कहानी के ही हैं। नायक लहना की मौत के तीस साल बाद सूबेदारिन अपने अतीत का पुनरवलोकन कर रही है और स्वर्णिम स्मृतियों में जीने का प्रयास कर रही है।
सुगठित कथाकार, मार्मिक संवाद और सुरम्य प्रकृति चित्रण से समन्वित पाठकों के समक्ष प्रस्तुत है यह पुस्तक ‘तेरी कुड़माई हो गई?’
इस संग्रह की कहानियाँ निःसन्देह बेजोड़ हैं इनमें नदी की तरह सरस प्रवाह है।
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
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Publishing Year | 2017 |
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