Thasak
Thasak
₹350.00 ₹270.00
₹350.00 ₹270.00
Author: Mamta Kaliya
Pages: 120
Year: 2018
Binding: Hardbound
ISBN: 9789386863997
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Description
ठसक
वरिष्ठ कथाकार ममता कालिया की इन कहानियों में आज का वक्त अपनी तमाम विडम्बनाओं के साथ मौजूद है। नब्बे के दशक के दौरान और उसके बाद हमारे समाज ने जीवन के जिन नये रूपों को देखा और भोगा वह उससे पहले हमारे दैनिक अनुभवों का हिस्सा नहीं थे। उदारीकरण आया, और अपने साथ ऐसी अनेक चीजें लेकर आया जिनसे हमारा जीने और देखने का तरीका एकदम बदल गया-मोबाइल, इंटरनेट, बैंकिंग की नयी-नयी पद्धतियों, एटीएम, मल्टीप्लेक्स, मनोरंजन की चारों दिशाओं में पसरे नए-नए साधन और इन सबका बिना किसी हिचक सुख पुराने के लिए जरूरी निश्चितता।
इन कहानियों में ममता कालिया ने बिल्कुल इसी दौर में ज़न्मे नए कथाकार जैसी ताजगी और सहजता के साथ इन सब चीजो से बनते नए वक्त और नए नागरिक के चित्र खींचे हैं और यह सुनी-पढ़ी सूचनाओ के नहीं, प्राथमिक और आँखों देखे अनुभवों के चित्र हैं। मशीनी सुगमता में बीतते जीवन ने अपने को इन कहानियों में इतने स्पष्ट रूप में रेखांकित किया है कि ममता जी की भाषा और कहन के प्रवाह में डूबा पाठक भी, उन्हें महसूस करने से नहीं बच पाता। यहीं इन कहानियों को लगभग इन्हीं विषयों पर लिखी जा रही अनेक कहानियों से विशिष्ट बनाता हैं।
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher |
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