Tilsam

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250.00 185.00

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Author: Sharad Joshi

Availability: 5 in stock

Pages: 144

Year: 2024

Binding: Paperback

ISBN: 9789350641835

Language: Hindi

Publisher: Rajpal and Sons

Description

तिलस्म

भगवान भास्कर अपनी किरणों को समेटकर अस्ताचलगामी हो चुके थे और खूबसूरत चिड़ियाँ गाती हुई दिल पर बेढ़ब असर डाल रही थीं। इस समय शहर से दूर झरने की ओर जानेवाली सड़क पर एक जवान तेजी से चला जा रहा था। चलते-चलते वह फिक्र और तरद्दुद के निशान थे और उसकी गरदन झुकी हुई थी। अभी तक हम पाठकों को इस शख्स का नाम नहीं बताते हैं। और उसके पीछे चलकर देखते हैं कि आखिर वह कहाँ जाता है। कुछ ही दूर चलकर वह दाहिने को मुड़ता है। तीस-चालीस कदम बाद एक ऐसी चौमुहानी पर पहुँचता है, जिसके बीच में एक चबूतरा बना है। चबूतरे के बीच एक पेड़ लगा है और चबूतरे पर लगे एक पत्थर पर काले अक्षरों में इबारत लिखी हुई है। चबूतरे के चारों तरफ घूमकर देखने वाला इस पत्थर को बखूबी देख सकता है और इबारत पढ़ सकता है। इबारत में पेड़ लगाने वाले का नाम और समय दिया हुआ है। इस चौमुहानी के आसपास बहुत सारे मकान हैं और उन तक पहुँचने के लिए रास्ते बने हुए हैं। सारे मकान एक जैसे हैं, जिन्हें देख अनजान आदमी ताज्जुब में पड़ जाता है। किसी ऐयार या होशियार शख्स के लिए, जो मकानों पर लिखी संख्याएँ पहचानता है, यहाँ कोई तकलीफ नहीं पड़ती।

वह नौजवान शायद यही का रहनेवाला है या इस बस्ती में कई बार आ-जा चुका है, इसलिए वह सीधा एक खास मकान की तरफ बढ़ता है। मकान क्या, इसे छोटा-मोटा तिलस्म कहिए। आइए देखें, यह शख्स इनमें क्यों जा रहा है और कैसे जाता है। दस कदम कच्चा रास्ता चलने के बाद वह एक गलियारे में घुसता है। गलियारा पक्का है और यहाँ रोशनी भी काफी है। गलियारे के आखिर में चार दरवाजे हैं जो सभी बन्द हैं। ये दरवाजे अलग-अलग मकानों में जाने के लिए हैं, मगर अक्सर बन्द रहते हैं, क्योंकि मकान के रहनेवाले अपने लिए दूसरे दरवाज़ों का इस्तेमाल करते हैं। इस समय भी दरवाजे बन्द हैं। दरवाजें के सामने एक सीढ़ी है, जो ऊपर को चली गई है। कुछ ही सीढ़ियों के बाद फिर सीढ़ी विपरीत दिशा में मुड़ जाती है। यहाँ हवा और प्रकाश के लिए मोखे बने हैं, जहाँ से सामने का नजारा भली-भाँति देखा जा सकता है और इस तरह से जिसे देखा जाए उसे पता भी न लगे। यहीं पर एक ताक है जिस पर अलमारी की तरफ पलड़ा लगा हुआ है। पलड़े पर जाली है जिसमें से देखने पर ताक के अन्दर लगे हुए कुछ कल-पुर्जे दिखाई देते हैं। यहीं पर एक खटका ऐसा है जिसे दबाने से कुल कमरों में अँधेरा हो सकता है। पाठकों की जानकारी के लिए हम बता दें कि यह बिजली का मीटर है।

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Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

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