Tirichh
Tirichh
₹395.00 ₹295.00
₹395.00 ₹295.00
Author: Uday Prakash
Pages: 160
Year: 2020
Binding: Hardbound
ISBN: 9788181437143
Language: Hindi
Publisher: Vani Prakashan
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Description
तिरिछ
उदय प्रकाश के बारे में यह कहना काफी नहीं है कि वे हमारे समय के सबसे अच्छे युवा कहानीकार हैं,बल्कि सच यह है कि उन्होंने सम्पूर्ण हिन्दी कहानी के परिदृश्य में अपने लिए मुकम्मल जगह बना ली है। जब-जब लोग प्रेमचन्द्र,अमरकान्त,रेणु और रामनारायण शुक्ल आदि को याद करेगें,तब-तब उदय प्रकाश का उल्लेख भी आयेगा। उनका यह कहानी-संग्रह इस बात की पुष्टि करता है। हमारे यहाँ हिन्दी में अच्छे कहानीकारों की आज भी कमी नहीं है। कम से कम एक दर्जन ऐसे नाम हैं जिनका जिक्र करते हुए हमें खुशी हो सकती है। लेकिन ‘तिरिछ’ ‘छप्पन तोले का करधन’ या ‘हीरालाल का भूत’ जैसी कहानियाँ लिखने के लिए कला ही नहीं,कलेजा भी चाहिए। प्रेमचन्द्र ने ‘कफन’ में यथार्थ के ऐसे रूप को प्रस्तुत किया था, जो न केवल विचलित और विह्रल कर देने वाला था,बल्कि असहनीय भी था। उसे स्वीकार करना,पचाना और दिखाना किस प्रकार लगभग संभव है,यह बाद की कहानी का इतिहास बताता है। लेकिन उदय ने अपनी इन कहानियों में औपन्यासिक विजन के साथ इस असहनीय यथार्थ को प्रस्तुत किया है। इन कहानियों में अद्भुत किस्सागोई है लेकिन मजे लेकर वर्णन करने का अभाव है। इनमें हमारे समाज की भर्त्सना भी है और उसकी गरुण गाथा भी। ये कहानियाँ सधी और तनी हुई कविता भी हैं और ऐसी कहानियाँ भी, जो अपनी वस्तु ही नहीं,पूरी आंतरिकता में भारतीय हैं। ये कहानियाँ विराट् फंतासी भी हैं और निर्मम, वस्तुपरक बयान भी।
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Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2020 |
Pulisher |
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