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Description
तूफान झुका सकता नहीं
विश्व क्लासिकी श्रृंखला में पहले प्रकाशित हो चुके शराफ़ रशीदोव के उपन्यास विजेता की अगली कड़ी है। इन दोनों उपन्यासों में उज्बेकिस्तान के एक ग्राम-सोवियत की जनता के सामूहिक श्रम और मेधा एवं कौशल से उनके जीवन में होनेवाले परिवर्तनों को विस्तार से चित्रित किया गया है। आर्थिक सम्बन्धों के रूपान्तरण के साथ ही जो नई सामाजिक-सांस्कृतिक-नैतिक-सौन्दर्य शास्त्रीय मूल्य-मान्यताएँ, सम्बन्ध और संस्थाएँ अस्तित्व में आ रही थीं तथा नये-पुराने के बीच जो संघर्ष अविराम जारी था, उसका लेखक ने विश्वसनीय और जीवन्त चित्र उपस्थित किया है। कथा के फलक पर पार्टी और प्रशासकीय मशीनरी की वह नौकरशाही भी मौजूद है, जो जनता की पहल कदमी एवं प्रयोगशीलता तथा नीचे से उभरते नये जन-नेतृत्व के रास्ते में तरह-तरह के रोडे अटकाती है। पुराने मूल्यों और रूढ़ियों से चिपके कुछ पुराने लोग भी हैं जो धीरे-धीरे बदलते हैं। लेकिन नये और पुराने के बीच का संघर्ष लगातार चलता रहता है। इन सभी प्रवृत्तियों की पारस्परिक अन्तःक्रिया और संघात के रूप में आगे बढ़ते घटनाक्रम के बीच से नई दुनिया के उन नये नायकों के उदात्त, मानवीय चरित्र उभरते हैं जो पूँजी की संस्कृति के बरक्स श्रम की संस्कृति की नुमाइन्दगी करते हैं।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2007 |
Pulisher |
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