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Description
तुम्हारी रोशनी में
तुम्हारी रोशनी में गोविन्द मिश्र का अत्यन्त चर्चित उपन्यास है जिसमें उन्होंने आधुनिकता और परम्परा के बीच फँसी भारतीय स्त्री का एक अभूतपूर्व चित्र प्रस्तुत किया है। एक ऐसा चरित्र जो अपनी तमाम संश्लिष्टताओं में इतना सजीव है कि कहना कठिन हो जाए कि हम किसी कथा-पात्र से मिल रहे हैं या अपने आसपास के किसी जीते-जागते व्यक्ति से।
गोविन्द मिश्र को अपने परिवेश और देखे-जाने चरित्रों को लेकर ऐसे पात्र गढ़ने के लिए जाना जाता है जो मनुष्यता के शाश्वत प्रश्नों की खोज का प्रतीक बन जाते हैं। इस उपन्यास में भी उन्होंने तर्क तथा भावना के द्वन्द्व के बीच से ऐसी ही एक कहानी रची है जो प्रेम को केन्द्र में रखते हुए अस्तित्व के गम्भीर प्रश्नों से होकर गुजरती है।
विख्यात कथाकार अमृतलाल नागर ने इसीलिए इस उपन्यास को समाजशास्त्रीय अध्ययन के लिए भी एक महत्त्वपूर्ण कथा-कृति बताया था।
सुवर्णा अपने भीतर के बहुमूल्य की खोज में अपने वजूद के कई बिन्दुओं से गुजरती है, अपने विवाहित जीवन, अपने घर-परिवार और कैरियर के अलग-अलग मोर्चों पर संघर्ष करते हुए उसकी यह भीतरी-बाहरी यात्रा एक तरह से आधुनिक संस्कृति के खोखलेपन को उजागर करती हुई, मुक्ति की अवधारणा और पारम्परिक बन्धनों के संघर्ष की यात्रा बन जाती है।
जीवन के यथार्थ को अपने भीतर समेटे वृहत्तर सन्दर्भों तक फैली एक मार्मिक यात्रा।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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