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Description
उमरावनगर में कुछ दिन
श्रीलाल शुक्ल की प्रस्तुत पुस्तक में तीन व्यंग्य कथाएँ सम्मिलित हैं-‘उमरावनगर में कुछ दिन’, ‘कुन्ती देवी का झोला’ और ‘मम्मीजी का गधा’।
जैसा कि नाम से स्पष्ट है, संग्रह की आधार-कथा है : ‘उमरावनगर में कुछ दिन’। उमरावनगर यानी एक ऐसा गाँव, जिसे नियोजित विकास का चमत्कार दिखाने के लिए चुना गया है, लेकिन जिसके सार्वजनिक जीवन में आजादी के बाद पनपे सारे अवसरवाद और भ्रष्टाचार के साथ हुए तमाम समझौते मौजूद हैं। ‘कुन्ती देवी का झोला’ में डाकुओं और पुलिस के आतंकवाद का बेजोड़ चित्रण है, जिसका शिकार अन्ततः निर्दोष जनता को बनना पड़ता है। ‘मम्मीजी का गधा’ में अफसरशाही के अहं को विषय बनाया गया है और प्रसंगतः इस बात की भी खबर ली गई है कि नेता लोग अर्थहीन-सी स्थितियों का किस प्रकार लाभ उठाते हैं। निश्चय भी यह संग्रह श्रीलाल शुक्ल की सुपरिचित व्यंग्य-प्रतिभा को नई ऊँचाई सौंपता है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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