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Description
उर्दू पर खुलता दरीचा
अलोचना साहित्य की और भाषा विज्ञान भाषा की आँख होती है। लेकिन आलोचना और भाषा विज्ञान में समान गति रखने वाले विद्वान दुर्लभ होते हैं। उर्दू के मूर्धन्य आलोचक और भाषा वैज्ञानिक प्रो. गोपीचन्द नारंग में यह अनूठा संगम है। उनके चुनींदा लेखों की यह किताब ‘उर्दू पर खुलता दरीचा’ हिन्दी पाठकों को उर्दू भाषा और साहित्य के प्रति गंभीर दृष्टिकोण विकसित करने में बहुत दूर तक सहायक होगी। क्योंकि वे पाठ की तह में उतरने वाली दृष्टि रखतें हैं एवं पाठकों को आहिस्ता-आहिस्ता अपने पुष्ट तर्कों के सहारे निष्कर्ष तक की यात्रा कराते हैं। उनके लेखों में एक दुर्लभ पठन-सुख भी है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2008 |
Pulisher |
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