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Description
उस रात के बाद
स्थापित मान्यताएँ, आचार सहिताएँ और परम्पराएँ अब टूट रही हैं-आदमी को जो अच्छा लग रहा है वही कर रहा है तो अपनी पुरानी मान्यताओं का ढोल पीटना और उसके पीछे चलना और दुख सहना बुद्धिमानी नहीं है। कोहबर की शर्त उपन्यास के विख्यात लेखक का यह उपन्यास पारिवारिक जीवन की पृष्ठभूमि से निकलकर मानवीय सम्बन्धो के एक बड़े विस्तार में जाता है जिसमें जंगलों, पहाडों में कार्यरत मज़दूरों, ठेकेदारों और सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ दफ्तरी जीवन का एक बहुत नजदीक से देखा हूआ विवरण भी आता है। श्रीकान्त बाबू एक मदृयवर्गीय परिवार से आते है जहॉ रिश्तों का एक व्यापक संजाल है, जीवन, स्नेह और ऊष्मा से लबालब। लेखक श्रीकान्त का भाव पक अनाथ लड़की जया पर भी जाता है, और वे उसे गोद लेकर पालते-पोसते हैं। अन्त में एक मित्र भूमिका में जगतसेवा में लग जाते है।
Quote : कोहबर की शर्त उपन्यास – जिस पर ‘नदिया के पार’ और ‘हम आपके है कौन’ जैसी दो बेहद सफल फ़िल्में बन चुकी हैं – के लेखक का अप्रकाशित उपन्यास।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
मृदुला तिवारी –
बहुत सुंदर कथा। मानवीय संबंधों, जीवन के यथार्थ से जूझता नायक और अपने आदर्शो के साथ जीवन प्रक्रिया को उजागर करता यह उपन्यास। जहाँ वर्तमान समय में लोग सिर्फ अपने स्वार्थ और प्रेम के लिये घर बार छोड़ देते हैं वहीं अपने माता पिता के सामने अपने स्व को चुपचाप जीते संबंधों का ताना बाना।