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Description
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वैदिक गणित
वैदिक गणित पर लिखित इस चमत्कारी एवं क्रांतिकारी ग्रंथ में एक नितान्त नवीन दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है। इसमें संख्याओं एवं राशियों के विषय में जिस सत्य का प्रतिपादन हुआ है वह सभी विज्ञान तथा कला-विषयों में समान रूप से लागू होता है।
यह ग्रंथ आधुनिक पश्चिमी पद्धति से नितान्त भिन्न पद्धति का अनुसरण करता है, जो इस खोज पर आधारित है कि अन्तःप्रज्ञा से उच्चस्तरीय यथार्थ ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। इसमें यह प्रदर्शित किया गया है कि प्राचीन भारतीय पद्धति एवं उसकी गुप्त प्रक्रियाएँ गणित की विभिन्न समस्याओं को हल करने की क्षमता रखती हैं। जिस ब्रह्माण्ड में हम रहते हैं उसकी रचना गणितमूलक है तथा गणितीय माप और संबंधों में व्यक्त नियमों का अनुसरण करती है। इस ग्रंथ के चालीस अध्यायों में गणित के सभी विषय–गुणन, भाग, खण्डीकरण, समीकरण, फलन इत्यादि–का समावेश हो गया है तथा उनसे संबंधित सभी प्रश्नों को स्पष्ट रूप से समझाकर अद्यावधि ज्ञात सरलतम प्रक्रिया से हल किया गया है। यह जगद्गुरु श्री भारतीकृष्णतीर्थ जी महाराज की वर्षों की अविरत साधना का फल है।
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Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher |
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