Vinayak Damodar Savarkar : Nayak Banam Pratinayak

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Vinayak Damodar Savarkar : Nayak Banam Pratinayak

Vinayak Damodar Savarkar : Nayak Banam Pratinayak

895.00 675.00

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Author: Kamlakant Tripathi

Availability: 5 in stock

Pages: 458

Year: 2024

Binding: Hardbound

ISBN: 9789389663846

Language: Hindi

Publisher: Kitabghar Prakashan

Description

विनायक दामोदर सावरकर : नायक बनाम प्रतिनायक

प्रस्तुत पुस्तक का लक्ष्य सावरकर के संघर्षमय जीवन के कुछ मुद्दों पर सायास उत्पन्न किए गए  विवाद के घटाटोप से उन्हें मुक्तकर, राष्ट्रीय जीवन में उनके तात्विक योगदान के समग्र और वस्तुपरक आकलन का एक विनम्र प्रयास है। राजनीति-प्रेरित क्षुद्रीकरण के सुनियोजित अभियान से जो भ्रम उत्पन्न किया गया है, उचित परिप्रेक्ष्य में तथ्यपरक परीक्षण और वस्तुगत विमर्श द्वारा उसके समाहार का निष्ठावान उपक्रम।

वास्तविकता यह है कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की मुख्य धारा के स्खलन से एक भयावह रिक्ति उत्पन्न हुई थी जिसके पीछे कांग्रेस-नेतृत्व के हवाई आदर्शवाद एवं ऐतिहासिक यथार्थ की समझ का दुर्भाग्यपूर्ण अभाव था। सावरकर ने उस रिक्ति को भरने का ऐतिहासिक दायित्व निभाया। उस रिक्ति के कई जटिल कारण थे जो कांग्रेस और मुस्लिम लीग के उद्भव और विकास की परस्पर विरोधी ऐतिहासिक धाराओं में अनुस्यूत थे। सावरकर के नेतृत्व में हिंदू महासभा को इस भूमिका के निर्वाह में लीग के साथ-साथ कांग्रेस से भी द्वंद्व का सामना करना पड़ा। किंतु इस प्रक्रिया में सावरकर-नीत महासभा के सक्रिय होने में काफी विलंब हो चुका था। लिहाजा, आजादी के साथ रक्‍तरंजित विभाजन को रोका नहीं जा सका, जिसने इस उपमहाद्वीप के भविष्य को दीर्घ-कालीन अशांति और हिंसा के भँवर में डाल दिया। प्रस्तुत पुस्तक इस त्रासदी के उत्स के खुलासे का एक विनम्र प्रयास भी है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

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