Wah Jiyegi Abhi
Wah Jiyegi Abhi
₹295.00 ₹250.00
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Author: Ramanika Gupta
Pages: 116
Year: 2016
Binding: Hardbound
ISBN: 9789350729823
Language: Hindi
Publisher: Vani Prakashan
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Description
वह जियेगी अभी
इन कहानियों में जहाँ स्त्री का वह नया चेहरा उभरा, जो पहचान से बाहर हाशिये में था वहीं वह चेहरा भी उभरा, जिसकी आहट भविष्य सुन रहा है, जिसकी बाट स्त्री जोह रही है। यह कथाकार का माद्दा है कि उसने हाशिये में सदियों से पड़े स्त्री के चेहरे को सामाजिक, साहित्यिक, राजनीतिक विचार के केन्द्र में लाकर खड़ा किया। इन कहानियों में समय, समाज, जाति, धर्म, वर्ग, वर्ण और व्यवस्था के वर्चस्ववादी मकड़जाल में मक्खी की तरह उलझी-पुलझी और पिस-चुट रही औरत की छटपटाहट, तो कहीं इस सबके विरोध में जलती हुई मशाल की तरह उसका लपलपाता आक्रोश और वर्जनाओं और संस्कारों के दोराहों-चौराहों के बीच अपनी राह खोजता संकल्प – देखते ही बनता है। इन कहानियों की भाषा, शब्द और भाषिक प्रवाहमयता, कहानी कला के बरक्स न चल कर, उस स्त्राी जीवन के बरक्स चलती है, जिससे निकलने के लिए स्त्री छटपटाती रही है। ‘वह जियेगी अभी’, ‘मिथक ढह गया’, ‘एक नयी मेनका’, ‘ओह ये नीली आँखें’, ‘गुड़िया’, और ‘बिसात’ कहानियों में आप उसकी गति की तीव्रता महसूस कर सकते हैं।
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2016 |
Pulisher |
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