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Description
यार मेरा हज करा दे
यार मेरा हज करा दे लाहौर यात्रा के बहाने देश के बँटवारे की विसंगतियों को उजागर करती है। यह यात्रा बताती है कि बँटवारा कितना दुर्भाग्यपूर्ण, त्रासद और कृत्रिम था। विभाजन के चलते लाखों परिवारों को उजड़ना पड़ा, अनजान स्थानों और पराये परिवेश में शरण पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ा । जिन्दगी की गाड़ी को नये सिरे से पटरी पर लाने की जद्दोजहद में एक पूरी पीढ़ी खप गयी। इस तबाही के साथ ही बँटवारा भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से भी काफी त्रासद साबित हुआ। जैसा कि यार मेरा हज करा दे में वर्णित दास्तान बताती है, अपने घरबार छोड़कर पलायन को विवश हुए लोग उन स्थानों और उस परिवेश की यादों से कभी छुटकारा नहीं पा सके जहाँ उनकी जड़ें थीं। आज भी दोनों तरफ लगाव और जुड़ाव की भावना कायम है, घृणा की राजनीति के तमाम शोर और ऊधम के बावजूद । सरहद आर-पार बहती प्यार की बयार का जो अनुभव इस संस्मरण-कथा में दर्ज हुआ है वह किसी को भी रोमांचित कर सकता है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher |
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