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Description
यह कलम यह कागज़ यह अक्षर
सोचती हूँ-खुद के तखैयुल से, अपने देश से, अपने देश के लोगों से, और तमाम दुनिया के लोगों से-यानी खुदा की तखलीक से, मेरी मुहब्बत का गुनाह सचमुच बहुत बड़ा है, बहुत संगीन… यह मुहब्बत-मेरी नज़्मों, कहानियों, उपन्यासों और वक्त-वक्त पर लिखे गए मज़मूनों के अक्षरों में कैसे उतारती रही, इसी का कुछ जायज़ा लेने के नज़रिये से, मेरी कुछ रचनाओं के कुछ अंश इस पुस्तक में दर्ज किए गए हैं…
– अमृता प्रीतम।
मशहूर कवयित्री और लेखिका अमृता प्रीतम (1919-2005) ने पंजाबी और हिन्दी में बहुत साहित्य-सृजन किया, जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्श्री और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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