Yugant

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225.00 180.00

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Author: Mahesh Elkunchwar

Availability: 2 in stock

Pages: 204

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9788126311033

Language: Hindi

Publisher: Bhartiya Jnanpith

Description

युगान्त

‘युगान्त’ एक नाट्यत्रयी है जिसमें एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों की जीवन शैली, विचार-धारा और द्वन्द्व समाहित हैं। इसके तीन अंक हैं-‘बाड़े की घेराबन्दी’, ‘तालाब के पास खण्डहर’ और ‘युगान्त’। कथासूत्र और आश्रय में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। भारतीय नाट्यविधा में ऐसी शैली का प्रयोग कम ही देखने को मिलता है।

परम्परा पोषित संयुक्त परिवार की ग्रामीण व्यवस्था अर्थप्रधान, भोगवादी एवं व्यक्तिमुखी शहरी संस्कृति के आक्रमण से घटित होने वाले आवंछित परिणामों के साथ ही यह कृति भविष्य की दारुण परिणतियों का निदर्शन करती हैं। इस नाटक में धरण गाँव के देशपांडे परिवार की तीन पीढ़ियों के माध्यम से ग्रामीण जीवन की सहजता, समन्वयवादिता, एकरूपता के साथ सामूहिक निष्क्रियता, भीरूता, मिथ्या प्रदर्शनप्रियता, धार्मिक रूढ़िवादिता, चारित्रिक भ्रष्टता जैसी प्रवृत्तियों को प्रभावी ढंग से उद्घाटित किया गया है। वर्तमान ग्रामीण और शहरी जीवन के विभिन्न स्तरों पर जारी संघर्षों का भी यथार्थ एवं मार्मिक चित्रण इस नाट्यकृति में देखा जा सकता है। इसमें गाँव में पड़ने वाले अकाल और मृत्यु को माध्यम बनाकर जीवन को समझने की एक कोशिश भी है।

मूल मराठी में लिखी गई एवं सरस्वती सम्मान आदि से अलंकृत यह नाट्यकृति अपने विशिष्ट वस्तुत्त्व और अभिनव शिल्प कौशल से आधुनिक नाट्यकला के क्षितिज का अर्थपूर्ण विस्तार करती है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि हिन्दी के नाट्यप्रेमियों को यह कृति एक नया आभास देगी।

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Binding

Paperback

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2022

Pulisher

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