Yugpurush : Ghanshyamdas Birla
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Description
युगपुरुष घनश्याम दास बिरला
‘‘यह पुस्तक अत्यन्त शोधपरक होने के साथ-साथ एक पठनीय कृति भी है और उस समय के देशकाल पर प्रकाश डालती है। बीसवीं सदी के भारत के अध्येताओं के लिए यह एक अनिवार्य पुस्तक है, चाहे विषय आर्थिक हो या राजनीतिक या फिर सांस्कृतिक।’’
– जूडिथ ब्राउन, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी
‘‘भारत के निजी क्षेत्र में एक प्रमुख उद्योगपति और व्यवसायी राजनेता के रूप में बिरला के महत्त्व और उपयोग में लाये गये ऐतिहासिक अभिलेखों ने इस पुस्तक को प्रत्येक उस व्यक्ति के लिए महत्त्वपूर्ण बना दिया है जो 20वीं सदी को जानने और समझने की इच्छा रखता है।’’
– थॉमस ए. टिम्बर्ग, वरिष्ठ अर्थशास्त्री
‘‘मेधा म कुदेसिया द्वारा लिखित युगपुरुष : घनश्याम दास बिरला नामक पुस्तक भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़े इस महान शख़्सियत के प्रभाव और उनके योगदान को समझने की दृष्टि से अत्यन्त उपयोगी है।’’
– बिज़नेस लाइन
‘‘घनश्याम दास बिरला पर रचित यह पुस्तक यद्यपि एक शोध पत्र के तौर पर लिखी गयी थी लेकिन इसने शैक्षणिक जगत को नया आयाम दिया और पाठकों को एक ऐसी शख़्सियत से रूबरू करवाया जिसका औद्योगिक और राजनीतिक दोनों क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण स्थान है।’’
– बिज़नेस इंडिया
‘‘मेधा म कुदेसिया द्वारा लिखित युगपुरुष : घनश्याम दास बिरला पुस्तक ने अपने आपको आज कॉरपोरेट जगत की महान हस्तियों की जीवनियों से एक अलग मुकाम पर खड़ा कर दिखाया है।’’
– बिज़नेस वर्ल्ड
‘‘यह प्रत्येक उस व्यक्ति के लिए एक अनिवार्य पुस्तक है – 20वीं सदी क भारत को समझने की इच्छा रखता है…इस पुस्तक को पढ़कर अर्जित ज्ञान से हम सबको उस व्यक्ति और उस युग को समझने में मदद मिलेगी जो आधुनिक भारतीय राष्ट्र और अर्थव्यवस्था के निर्माण की दृष्टि से निर्णायक और महत्वपूर्ण थ।’’
– इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली
‘‘..बड़े पैमाने पर बारीक़ी से शोध किया गया दस्तावेज़।’’
– द इकोनॉमिक टाइम्स
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2021 |
Pulisher |
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